Dark Tourism: क्या होता है डार्क टूरिज्म? लोगों को खूबसूरत वादियों के बजाए क्यों पसंद आ रहे ये खंडहर
Dark Tourism: दुनियाभर में लोगों के बीच डार्क टूरिज्म को लेकर काफी क्रेज बना हुआ है. अमेरिका में 80 फीसदी लोग जिंदगी में एक बार डार्क टूरिज्म पर जाना चाहते हैं.
(Source: Reuters)
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Dark Tourism: दुनियाभर में लोगों को तरह-तरह के शौक होते हैं. इसमें खाने से लेकर घूमने तक में अजीबोगरीब शौक शामिल है. एक नई रिपोर्ट में पता चला है कि लोगों पर आजकल डार्क टूरिज्म (Dark Tourism) का खुमार चढ़ा हुआ है. पूरी दुनिया में टूरिज्म इंडस्ट्री लोगों के इस नए पंसद को भुनाने में लगी है. अमेरिका में तो हसीन वादियों और मौज मस्ती वाली जगहों को छोड़कर ऐसी जगहों का रूख कर रह रहे हैं, जहां उन्हें डार्क टूरिज्म का मजा मिल सके. एडवेंचर पसंद करने वाले लोगों में भी इसका बहुत क्रेज देखा जा रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्या होता है डार्क टूरिज्म (Dark Tourism) जिसकी दुनिया है दीवानी.
क्या होता है डार्क टूरिज्म
डार्क टूरिज्म (Dark Tourism) में लोग उन जगहों पर जाना पसंद करते हैं, जहां पर त्रासदी के निशान आज भी मौजूद हैं. इन जगहों पर जाकर लोग युद्ध की विभीषिका, बड़ी आपदा, दुख और नरसंहार की कहानी को देखते हैं. लोगों को ऐसी जगहों पर ऐसे खंडहरों के बीच रहना और उनकी तस्वीरें लेना पसंद आता है.
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अमेरिका में है डार्क टूरिज्म का क्रेज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में 80 फीसदी लोगों को जिंदगी में एक बार डार्क टूरिज्म (Dark Tourism) जरूर करना है. इन्हें खूबसूरत वादियों के बजाए इन खंडहरों की सैर करने में ज्यादा दिलचस्पी है. वहीं इनमें से 30 फीसदी लोगों ने यूक्रेन जाने की भी इच्छा जताई है.
ये हैं दुनियाभर के टॉप डार्क टूरिज्म के साइट
दुनिया के मशहूर डार्क टूरिज्म (Dark Tourism) की बात करें तो न्यूयॉर्क में ग्राउंड जीरो, यूक्रेन में चेरनोबिल, रवांडा में मुरांबी नरसंहार स्मारक, लिथुआनिया में केजीबी मुख्यालय, पोलैंड में ऑशविट्ज़ एकाग्रता शिविर, जापान में हिरोशिमा, और कंबोडिया में तुओल स्लेंग नरसंहार संग्रहालय आदि काफी मशहूर हैं
09:31 PM IST